रेल के डबल ट्रैक ट्रायल के दौरान 4 लोगों की गई जान, डीआरएम बोले रेलवे विभाग का नहीं कसूर, सीतापुर गांव में छाया मातम

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रुड़की/संवाददाता
रेल मार्ग पर डबल ट्रैक के ट्रायल के दौरान ट्रेन की चपेट में आकर चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा जमालपुर कलां और गणेश विहार कॉलोनी के बीच होना बताया गया है। ट्रायल ट्रेन 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी, जिससे चारों लोगों के परखच्चे उड़ गए।
बताया गया है कि लक्सर-हरिद्वार रेल मार्ग पर ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य दो साल से चला आ रहा था। अभी तक इस रूट पर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ही ट्रेनें गुजरती आ रही थी। ट्रैक के दोहरीकरण के बाद 10 जनवरी से ट्रेनों की स्पीड दोगुनी यानि 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होनी थी। जिसके लिए लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा होने पर ट्रायल के लिए बृहस्पतिवार को रेलवे के सीआरएस (कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम हरिद्वार पहुंची। डबल ट्रैक और रफ्तार का ट्रायल करने के लिए दिल्ली से स्पेशल ट्रेन भी बुलाई गई थी। जैसे ही ट्रायल ट्रेन जमालपुर कलां और गणेश विहार कॉलोनी के बीच पहुंची, तभी रेलवे ट्रैक से गुजर रहे चार लोगों को ट्रेन ने चपेट में ले लिया, चूंकि ट्रेन की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा थी, इसलिए पलक झपकते ही चारों लोगों की धज्जियां उड़ गई। हादसे की सूचना पाकर रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी व पुलिस के आलाधिकारी जमालपुर की तरफ दौड़ पड़े। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, जीआरपी के अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल व स्थानीय विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने घटनास्थल पर पहुंच हादसे की जानकारी ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चारों लोग रेलवे ट्रैक के आस पास खड़े थे। उन्हें दूर से ट्रेन आते हुए दिखाई, लेकिन वह ट्रेन की रफ्तार भांप नहीं पाए ओर पल भर में ही चारों लोगों के चीथडे हो गए। देर रात पुलिस ने शवों की शिनाख्त प्रवीण चौहान, मयूर चौहान, गोलू उर्फ हैप्पी, विशाल चौहान पुत्र अरविंद चौहान के रुप में की। चारों मृतक ज्वालापुर कोतवाली के सीतापुर गांव के निवासी बताये गए हैं। इस हादसे की जानकारी पाकर लोगों ने दुःख जताया। साथ ही इस ट्रायल को लेकर भी तरह-तरह के सवाल उठाए और कहा कि आखिर ट्रायल के दौरान पूरी सेफ्टी क्यों नही बरती गई और ट्रैक के आसपास लोगों को क्यों रहने दिया गया। हादसे के बाद सीतापुर गांव में मातम छाया हुआ है और इस पूरी घटना का जिम्मेदार रेलवे विभाग को बता रहे हैं। उधर रेलवे अधिकारियों के बयान को लेकर भी लोगों में आक्रोश व्याप्त है। वहीं रेलवे का कहना है कि मृतक लोग रेलवे के ट्रैक पर चल रहे थे, इसलिए रेलवे की कोई गलती नहीं है, जबकि अधिकारियों का कहना है कि उनका ट्रायल सफल रहा और 10 जनवरी से इस ट्रैक पर यातायात शुरू हो जाएगा। एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि रेल हादसे में 4 लोगों की मौत हुई है। रेलवे के डीआरएम तरुण प्रकाश ने बताया कि इक्कड़ और हरिद्वार के बीच डबल लेन के बाद यहां ट्रायल किया जा रहा था। शाम करीब 6:00 बजे इसका परीक्षण किया गया और ट्रेन की स्पीड 100 से 120 के बीच रखी गई। जमालपुर कला के पास हादसा हुआ है लेकिन इसमें रेलवे की कोई गलती नहीं है। इसलिए हादसे के लिए विभाग जिम्मेदार नहीं है, इसलिए कोई जांच का सवाल ही नहीं उठता। हमारा ट्रायल पूरी तरह सफल रहा।

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