गायत्री विद्यापीठ के 38वें वार्षिकोत्सव में बच्चों ने दिखाया हुनर

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हरिद्वार। गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज का 38वां वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ वार्षिकोत्सव का शनिवार को समापन हो गया।
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गायत्री परिवार के अभिभावकद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या व शैलदीदी ने नौनिहालों का मार्गदर्शन किया। अपने संदेश में डॉ. पण्ड्या ने कहा कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह हैं, उसे जिस रूप में, जैसा बनाना चाहें, उसी तरह उसका पालन-पोषण कर बनाया जा सकता है। गायत्री विद्यापीठ में बच्चों को शिक्षण के साथ संस्कार देने का क्रम चलाया जा रहा है, यह एक परिवार व समाज निर्माण की दिशा में सार्थक पहल है। नौनिहालों ने खेलों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम में जो उत्साह, उमंग के साथ भागीदारी करते हुए अपना हुनर दिखाया है, बधाई के पात्र हैं। शैलदीदी ने पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों में भागीदारी कर अंातरिक गुणों को विकसित करते रहने के लिए प्रेरित किया।


वार्षिकोत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों ने स्कूल के लिए तैयार होना, नींबू दौड़, बोरा दौड़, रिले रेस, बोतल में पानी भरना, रिंग डालना, थ्री लेग रेस, ताइक्वाण्डो सहित कुल उन्नीस प्रकार के एकल व सामूहिक खेलों में दमखम दिखाया। विजयी खिलाड़ियों को देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति शरद पारधी व विद्यापीठ व्यवस्था मण्डल की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने मेडल व प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत राहुल यादव ने योगासन के माध्यम से फिट रहने का संदेश दिया तो वहीं शिक्षिका बनी आहुति ने भारतीय पंरपरा की प्राचीन इतिहास पर प्रकाश डाला। समूह नृत्य के अंतर्गत कु. स्तुति व कनक की टीम ने राधाकृष्ण के बालपन से लेकर युवावस्था को बड़े ही मनमोहन ढंग से प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। प्ले वे व नर्सरी के बच्चों द्वारा प्रस्तुत कृष्ण लीला ने भी वाहवाही लुटी। समापन से पूर्व प्रधानाचार्य सीताराम सिन्हा ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर शांतिकुंज, देसंविवि, हरिद्वार, भोपतवाला, हरिपुरकलां, सप्तऋषि क्षेत्र से बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित रहे।

विभिन्न खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों में आर्यन, कनिका, आरव, अंशिका, तुषार, प्रियंका, आदित्य, वंदना, सक्षम, हिमांशी, सर्वेश, प्रांजल, पृथ्वी, राधा, भावेश, पीहू, नवल, प्रियांशी, देवांश, सहज, नमन, रिया, कृष्णा, निवेदिता, कृश, खुशी, दुष्यंत, वंश, अक्षत, आस्था, जागृति, स्वाति, वाशु, जाह्नवी, साक्षी, राधिका, अनिकेत, अविनाश, अनिरुद्ध, इशिता, लतिका, वंशिका, हार्दिक, माधव, दिव्यांशु, कोमल, काजल, निहारिका, जतिन, मीमांसा, पलक, श्रेव्या, वंदना, आयुष, शुभांशु, खुशी, अंकित, आयुषी, रजत, ऋषभ, योगेश्वरी, प्रवीना, कृष्ण, प्रियंका, निखिल एवं परविन्दर शामिल रहे।

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