प्राचीन छड़ी जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना के बाद नैना देवी के लिए रवाना

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हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना आनंद अखाड़े की पवित्र प्राचीन छड़ी रविवार की शाम नैनीताल स्थित पौराणिक नैनादेवी मन्दिर पूजा अर्चना के लिए पहंुची। जहां महामण्डलेश्वर पायलट बाबा के शिष्य श्रीमहंत सिद्वार्थ गिरि प्रबंधक चन्दन आदि ने स्थानीय नागरिकों के साथ छड़ी की पूजा अर्चना की तथा नैनादेवी के दर्शनों के लिए पवित्र छड़ी के प्रमुख महंत श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज व साधुओं के जत्थे के साथ मन्दिर में प्रवेश किया। साधुओं की जमात ने सर्वमंगल व वसुधैव कुटुम्बकम् की कामना के साथ माता की पूजा अर्चना की। श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने बताया माता के 51 शक्तिपीठों में नैना देवी मन्दिर की गणना होती है। इस मन्दिर की विशेषता यह है कि यहां देवी अपने पूर्ण रूप में विराजमान नहीं है। बल्कि देवी के दो नयन पिण्डी रूप में विराजमान है। इस मन्दिर का उल्लेख 15वीं शताब्दी में मिलता है। कहा जाता है कि देवी के नेत्रों से निकली जलधारा से ही नैनीझील अर्थात नैनीताल बनी थी। नैनादेवी के दर्शनों के बाद पवित्र छड़ी श्रीमहंत शिवदत्त गिरि, श्रीमहंत पुष्करराज गिरि, श्रीमहंत विशम्भर भारती, श्रीमहंत अजयपुरी, श्रीमहंत महादेवानंद गिरि, महंत परमानंद गिरि के नेतृत्व में मेठिया स्थित पायलट बाबा के आश्रम में रात्रि विश्राम के लिए पहुची। जहां पवित्र छड़ी पूर्णागिरि माता के दर्शनों के लिए रवाना होगी।

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