फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मास्टरमाइंड निकला कृषि अधिकारी, सीएम की नीति और उठे सवाल?

Crime dehradun Education Haridwar Latest News Main News mumbai Roorkee social uttarakhand

दैनिक बद्री विशाल
देहरादून/संवाददाता

वन आरक्षी भर्ती के मास्टरमाइंड व सहायक कृषि अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी को पांच लाख रुपये में नकल कराने का सौदा एक कृषि विभाग के अधिकारी ने किया था। पुलिस ने कोटद्वार में तैनात आरोपित सहायक कृषि अधिकारी सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी कृषि अधिकारी ने अपने ही रिश्तेदार युवक को परीक्षा में पास कराने का झांसा दिया था। वही दूसरी और रुड़की स्थित ओजस्वी करियर सेंटर के संचालक मुकेश सैनी गिरोह के तार कृषि अधिकारी से जुड़े बताए जा रहे हैं। पुलिस मुकेश सैनी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। 16 फरवरी को प्रदेश में विभिन्न केंद्रों पर वन आरक्षी भर्ती परीक्षा कराई गई थी। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से यह परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा संपन्न होने के साथ ही ओएमआर शीट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी। कुछ घंटों के अंतराल में परीक्षा में अन्य गड़बडिय़ों की शिकायतें भी सामने आने लगी। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि कुछ केंद्रों पर अभ्यर्थियों को नकल कराने के लिए एक गिरोह ने पांच लाख रुपये तक में सौदा किया हुआ था। इन्हें ब्लूटूथ के जरिये प्रश्नों के उत्तर बताए जाने थे, इसके लिए बाकायदा कोड वर्ड बनाए गए थे। परीक्षा के अगले ही इस दिन सिलसिले में पौड़ी और हरिद्वार में 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
जांच में पता चला कि हरिद्वार जिले के मंगलौर स्थित ओजस्वी करियर सेंटर का संचालक मुकेश सैनी गिरोह को संचालित कर रहा था। उसने कुछ युवकों को पौड़ी और हरिद्वार के सेंटरों में नकल कराने के लिए भेजा था। शनिवार देर शाम पौड़ी जिले की पुलिस ने इस सिलसिले में कोटद्वार में तैनात सहायक कृषि अधिकारी सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर लिया। मंगलौर निवासी गोपाल सिंह ने सुधीर समेत चार लोगों के खिलाफ पौड़ी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। गोपाल ने शिकायत में बताया था कि हरिद्वार निवासी पंकज, संजय और सौरभ ने उनके बेटे को पांच लाख रुपये में भर्ती परीक्षा में नकल करवा कर उत्तीर्ण करवाने की बात कही थी। उसके बेटे से उक्त तीनों युवकों की बात कोटद्वार में रह रहे उनके रिश्तेदार सुधीर ने कराई थी। ज्ञात रहे कि जिस तरीके से प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस की बात कहकर भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की बात करती है, लेकिन उनकी ही सरकार में मंत्री और अधिकारियों की सांठ-गाँठ के चलते छात्रों का भविष्य बनने से पहले ही बिगाड़ा जा रहा है। ऐसे में प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार पर भी सवालिया निशान उठना शुरू हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *