आईआईटी रुड़की में प्रो. जेबी लाल मेमोरियल लेक्चर का आयोजन

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रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा प्रो. जेबी लाल मेमोरियल लेक्चर के तीसरे संस्करण का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रो. जेबी लाल के योगदानों और उपलब्धियों को याद करना था। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित और रॉयल सोसाइटी, यूके के फेलो के रूप में चुने जाने वाले पहले भारतीय इंजीनियर, प्रो. मन मोहन शर्मा, एमेरिटस प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई, शामिल हुए। प्रो. मनमोहन शर्मा ने द एक्साइटिंग वर्ल्ड ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग एंड द लाइफ ऑफ ए टीचर इन ए यूनिवर्सिटी विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी, निदेशक आईआईटी रुड़की, प्रो. एचपी वेलुस्वामी, प्रो. प्रतीक कुमार झा, प्रो. शिशिर सिन्हा, प्रो. सुशील कुमार और प्रो. एके शर्मा उपस्थिति रहे।
अपने संबोधन के दौरान पद्म विभूषण से सम्मानित प्रो. एमएम शर्मा ने कहाकि केमिकल इंजीनियरिंग तुलनात्मक रूप से इंजीनियरिंग की नई शाखा है जिसने जीवन स्तर को उच्च किया है। केमिकल इंजीनियरिंग के अन्तर्गत नैनो स्तर से मेसो स्तर तक की प्रौद्योगिकी शामिल है। केमिकल इंजीनियर वस्त्र, विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देते हैं। जैवप्रौद्योगिकी आधारित उत्पादों, विशेष रूप से डाउनस्ट्रीम प्रोसेसिंग, पृथक्करण की नई रणनीतियों, नैनोटेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट इंजीनियरिंग, फॉर्मूलेशन इंजीनियरिंग, चिरल इंजीनियरिंग, नवीकरणीय कच्चे माल के उपयोग, विशेष रूप से लिग्निन, लीन स्ट्रीम से बड़े पैमाने पर सीओ 2 के निष्कासन के लिए स्मार्ट केमिकल इंजीनियरिंग की आवश्यकता होगी। उभरती हुई तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रसार, और इस विषय का व्यापक दायरा इसे लिबरल इंजीनियरिंग डिसीप्लिन के रूप में वर्गीकृत कर सकता है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक ने प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी कहाकि प्रो. जेबी लाल मेमोरियल लेक्चर सीरीज को 2018-19 के शैक्षणिक सत्र के दौरान शुरू किया गया था। प्रो. जेबी लाल (1910-1970) आईआईटी रुड़की में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के फाउंडिंग हेड थे। उन्हें 1944 में रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ केमिस्ट्री ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड आयरलैंड के एसोसिएट सदस्य के रूप में चुना गया। आयोजन का समापन प्रोफेसर दीपक ओझा द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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