58 वर्षों बाद बन रहा ऐसा योग, आचार्य सेमवाल से जानें 26 दिसम्बर को पढ़ने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में

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दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/ संवाददाता

उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि आगामी 26 दिसम्बर गुरुवार को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण पोष मास कृष्ण पक्ष अमावस तिथि घुनराशि व मूल नक्षत्र में पड़ रहा है। इस ग्रहण का समय भारत मे प्रातः 8:00 बजे प्रारम्भ होगा। हरिद्वार में प्रातः 8:20 बजे स्पर्श करेगा। परमग्रास 10:48 बजे प्रातः ग्रहण समाप्त 01:36 बजे होगा। इस ग्रहण का इस बार 58 वर्ष बाद ऐसा योग बन रहा है। जो घंटे ओर 36 मिनट के अंतराल के है।
आचार्य सेमवाल ने बताया कि कंकण की कुल अवधि 3 मिनट 34 सेकंड की है, यह योग 26 दिसम्बर को 58 वर्ष बाद बन रहा है। यह सूर्य ग्रहण ग्रहों की स्थिति के अनुसार पिछले कई दशकों में लगे सूर्य ग्रहण से भिन्न है। ग्रहण के समय 6 ग्रह सूर्य, चंद्रमा, शनि, गुरु और बुध की युक्ति केतु के साथ होगी। धनु राशि मे इससे पहले 5 फरवरी 1962 के सूर्य ग्रहण के समय मकर राशि मे सभी 7 ग्रह केतु के साथ उपस्थित थे। उस ग्रहण के प्रभाव से उस वर्ष भारत को चीन का आक्रमण झेलना पड़ा था। करीब 58 साल बाद यह योग आया है। प्राकृतिक आपदा, भूकंप का योग है। उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, बंगाल में ज्यादा असर रहेगा। सावधानी अनिवार्य है। धनु राशि के लिए खराब, मेष परेशानी, वृष शत्रु कष्ट, मिथुन कष्ट, कर्क रोग गुप्त चिंता, सिंह खर्चा, कन्या अच्छा, तुला धन लाभ, वृशिचक धन हानि, धनु चोट, मकर धन हानि, कुम्भ लाभ, मीन रोग कष्ट का योग है। आचार्य सेमवाल ने सभी से सावधानी बरतने की अपील की।

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