निर्मल अखाड़े ने किया निर्मल संतपुरा आश्रम का बहिष्कार

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हरिद्वार। श्री पंचायत अखाड़ा निर्मल के सचिव व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री व अखाड़े के सभी संतों ने अखाड़े के खातों के संचालन पर रोक लगाए जाने संबंधी खबरों को भ्रामक करार दिया है। कनखल स्थित अखाड़े मंे गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा कि अखाड़े के खातों के संचालन पर कोई नहीं लगायी गयी है। अखाड़े की संपत्ति को कब्जाने के प्रयासों में लगे तथाकथित संत रूपी भूमाफिया भ्रम फैलाने के लिए झूठा प्रचार कर रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में निर्मल संतपुरा आश्रम की भूमिका को देखते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल ने निर्मल संतपुरा आश्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। निर्मल संतपुरा आश्रम के संतों से अखाड़ा अब किसी प्रकार का कोई व्यवहार नहीं रखेगा। उन्होंने अन्य सभी अखाड़ों व आश्रमों से भी निर्मल संतपुरा आश्रम के संतों का बहिष्कार करने की अपील की है। महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि व महामंत्री हरिगिरि को भी पूरे मामले से अवगत करा दिया गया था। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पूर्व में ही निर्मल संतपुरा आश्रम के बहिष्कार का फैसला कर चुका है। लेकिन आश्रम के संतों द्वारा बहिष्कार वापस लिए जाने की अपील के बाद कुछ ढिलाई दी गयी थी। लेकिन अब फिर से श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की संपत्ति कब्जाने का प्रयास कर रहे लोगों का साथ देने को देखते हुए पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग संत का वेशधारण कर अखाड़े की संपत्तियों को कब्जाने के प्रयास में लगे हैं। जिसे कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि कुछ भूमाफिया निर्मल अखाड़े की छवि को खराब करने की नीयत से इस तरह के प्रपंच रच रहे हैं। अखाड़े की मान मर्यादाओं को लेकर पूर्व में भी संत वेशधारी लोगों पर कानूनी कार्रवाई के अलावा संत जगत में उनका बहिष्कार जैसे निर्णय लिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि निर्मल संतपुरा आश्रम में संत के रूप में आने वाले लोग वास्तव में संत नहीं गृहस्थ हैं। लोगों के सामने संत के वेश में आने वाले लोग बाद में गृहस्थों के वस्त्र पहन कर बाजारों में घूमते देखे जा सके हैं। संत का वेश धारण कर धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा करने वालों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। इस दौरान महंत खेमसिंह, महंत हरभजन सिंह, महंत आशाराम, संत सुखमन सिंह, संत संदीप सिंह, संत निर्मल सिंह, संत रोहित सिंह, संत जसकरन सिंह, संत तलविन्दर सिंह आदि भी मौजूद रहे।

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