जी-20 और यूथ -20 कार्यक्रमों की श्रृंखला में एविडेंस बेस्ड इंटीग्रेटिव मेडिसिन पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित

Haridwar

हरिद्वार: रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम कनखल, हरिद्वार, एम्स ऋषिकेश एवं आईएमए देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में एविडेंस बेस्ड इंटीग्रेटिव मेडिसिन विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। देशभर में चल रहे जी-20 और यूथ -20 कार्यक्रमों की श्रृंखला में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी विश्वेशानंद जी महाराज, मेडिकल सुपरिटेंडेंट स्वामी डॉ.दयादीपानंद जी महाराज के सत्प्रयासों से इस गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. बी. एन. गंगाधर, अध्यक्ष एम. ए. आर. बी., एनएमसी भारत सरकार, पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष और मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय अपना उद्बोधन दिया। मिशन के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर ब्रिगेडियर वी पी सिंह ने वेलकम नोट के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ कराया।

जी-20 के अंतर्गत संचालित हो रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में इस गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ बी एन गंगाधर ने योग चिकित्सा विज्ञान के वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। निमहंस के अंतर्गत चल रहे विभिन्न योग अनुसंधान की चर्चा करते हुए डॉ बीएन गंगाधर ने कहा की योग और योग की तमाम विधाएं स्ट्रेस डिप्रेशन जैसी समस्याओं में बहुत ही बेहतर लाभ पहुंचाती हैं और इसके आधुनिक परीक्षणों में भी सफलतम परिणाम देखे गए हैं। पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुख्य वैज्ञानिक डॉ अनुराग वार्ष्णेय ने पतंजलि द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा विधाओं और आयुर्वेद के विभिन्न औषधियों और जड़ी-बूटियों पर चल रहे अनुसंधान के विषय में विस्तृत चर्चा की। डॉक्टर वार्ष्णेय ने बताया कि अश्वगंधा आयुर्वेद में वर्णित बहुत ही विशिष्ट औषधि है लेकिन शास्त्रों में इसके जड़ के उपयोग का वर्णन ही मिलता है लेकिन पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा अश्वगंधा की जड़ सहित इसके संपूर्ण प्लांट पर किए गए अनुसंधान में इसका संपूर्ण प्लांट किसी प्रकार की विषाक्तता वाला नहीं पाया गया है और यह विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन में प्रभावी पाया गया है जिसके बहुत सारे अनुसंधान पेपर्स भी वर्ल्ड क्लास जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ एम श्रीनिवास ने अपने उद्बोधन में कहा कि रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम इंटीग्रेटिव मेडिसिन पर बहुत ही सकारात्मक कार्य कर रहा है और एम्स दिल्ली के साथ-साथ एम्स ऋषिकेश इस क्षेत्र में मिशन को पूर्ण रूप से सहयोग के लिए सदैव तत्पर है। डॉक्टर एम श्रीनिवास ने कहा कि मिशन के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट स्वामी दयादीपानंद जी महाराज डायबिटीज वन सहित विभिन्न प्रकार की गैर संचारी बीमारियों की इंटीग्रेटिव चिकित्सा पर सफल कार्य कर रहे हैं जिससे तमाम जनमानस को बहुत ही बेहतर लाभ मिल रहा है।

समाजसेवी विकास गर्ग ने कहा कि मिशन द्वारा इंटीग्रेटिव मेडिसिन सेंटर खोले जाने से स्थानीय जनता के साथ-साथ यहां पर चिकित्सा लाभ ले रहे विभिन्न प्रकार के जनमानस को एलोपैथ चिकित्सा के साथ अन्य चिकित्सा विधाओं का भी लाभ मिल सकेगा। प्रेस वार्ता में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी ने कहा कि एलोपैथिक औषधियों के साथ आयुर्वेदिक औषधियां, योग, मर्म, पंचकर्म चिकित्सा आदि को एक साथ लेने में किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है और इस प्रकार के समन्वय से हम रोगियों को बेहतर चिकित्सा लाभ दे सकते हैं।

उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाओं के निदेशक प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि विभिन्न प्रकार की भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को एलोपैथिक चिकित्सा के साथ समन्वित कर बेहतर चिकित्सा प्रणाली का निर्माण किया जा सकता है। आयुष्मान भारत के अंतर्गत भारत सरकार की महत्वकांक्षी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर योजना इस दिशा में बेहतर कार्य कर रही हैं। रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी विश्वेशानंद ने कहा कि गोष्ठी में भारतीय वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति एवं आधुनिक एलोपैथिक मेडिसिन किस तरह संयुक्त रूप से मनुष्य के लिए स्वास्थ्य लाभ में सहायक हो सकते हैं इस विषय पर सकारात्मक चर्चा की गई। अंत में स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा कार्यक्रम में सम्मिलित सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में जगदीश महाराज, कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट जौलीग्रांट के डायरेक्टर डॉ सुशील सैनी, डॉ प्रकाश चंद्र मालसे, हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों के स्टेट मास्टर ट्रेनर डॉ अवनीश उपाध्याय आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन और व्यवस्था में अमरजीत सिंह, गोकुल, वेलनेस मोटीवेटर रूचिता उपाध्याय, गुड लिविंग के पंकज द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया गया।

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