दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता
पिछले लंबे समय से जलभराव की समस्या से परेशान सुनहरा व सरस्वती विहार के लोग पिछले पांच-छह दिन से लगातार हुई भारी बारिश के कारण उन्हें जलभराव की और विकट समस्या से जूझना पड़ा आलम यह है कि मेन रोड से गुजरने के लिए सड़क पर कहीं-कहीं फिट जमा गंदे पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस संबंध में उन्होंने कई बार क्षेत्रीय पार्षद और नगर निगम के अधिकारियों से जल निकासी की समस्या का निदान करने की मांग की, लेकिन उन्होंने उनकी इस समस्या का कोई निराकरण नहीं कराया।
सोमवार को बड़ी संख्या में कॉलोनी के लोग जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम में मुख्य नगर आयुक्त के पास पहुँचे, लेकिन वह बाहर होने के कारण उन्हें नहीं मिल पाई। इसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत मौके पर खड़े एक कर्मचारी से की ओर वापस लौट गए। कुछ देर बाद नगर निगम से एक पानी खींचने वाली हाइड्रो मशीन उनकी कॉलोनी में पहुंची लेकिन एक गली में गंदा पानी निकालने में असमर्थ रही जबकि दूसरी गली का उक्त मशीन ने गंदा पानी निकाल दिया। कॉलोनी वासियों ने कहा कि यहां कई नई गालियां ऐसी ही ही, जिनकी आज तक निकासी नहीं हो पाई, उनका यह भी कहना है कि नाली का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन सडक में आज भी कीचड़ ही जमा है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही यहां जल निकासी का स्थायी समाधान नही होता तो वह मेयर के खिलाफ प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे, साथ ही उनका पुतला दहन करने से भी नहीं चुकेंगे। इस दौरान नारेबाजी करने वालों में संजय कुमार,आशीष कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, राहुल कुमार, संजय धीमान, विनय धीमान, दीपमाला, बबलू, संतोष, प्रमिला, कविता आदि लोग मौजूद रहे।
वहीं एक बड़ी समस्या उस समय सामने आई जब, हाइड्रोमशीन से गंदे पानी को कर्मचारी पाइप से खींच रहा था, तब उस समय मशीन पर तैनात कर्मचारियों के हाथों में न तो ग्लब्ज थे, न जूते ओर न ही उनके पास मास्क था। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि एक और तो मेयर कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए गंदगी को हटवाने की बात कर रहे है जबकि उनके ही कर्मचारी सुविधाओं से महरूम नजर आ रहे है।
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