निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे उत्तराखंड के 30 से ज्यादा लोग, प्रशासन के उड़े होश

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रिद्वार। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर उत्तराखंड के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए मरकज में उत्तराखंड के 30 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। पुलिस-प्रशासन अब इनकी तलाश कर रहा है। जिन लोगों का पता चल चुका है उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने एकांतवास में भेज दिया है।
निजामुद्दीन में मुस्लिमों के सामूहिक जलसे में कोरोना पॉजिटिव पाने के बाद से प्रशासन भी हरकत में आ गया है। आनन-फानन में रुड़की व आसपास के क्षेत्रों में जमात में गए लोगों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। बताया गया कि मध्य प्रदेश में एक जमात गई हुई है, जबकि एक जमात सोनभद्र में गई हुई है। वही रुड़की आसपास के क्षेत्र में बाहर से 7 जमात आई हुई हैं। इसमें से एक जमात बागपत जिले की दो मेरठ से हैं, दो दिल्ली, एक आसाम और एक केरल से हैं। यह सभी फरवरी के अंतिम सप्ताह में रुड़की पहुंचे थे। इसके बाद से प्रशासन इन लोगों से संपर्क करने में जुट गया है। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि रुड़की से दिल्ली 11 लोग 13 से 19 फरवरी तक एक धार्मिक जलसे में शामिल होना बताए गए हैं। इनमें से 8 लोग फिलहाल चिन्हित कर रुड़की सिविल अस्पताल भेजे गये हैं। शेष को चिन्हित किया जा रहा है। मार्च वाली तब्लीग में कौन-कौन लोग शामिल थे, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। झबरेड़ा और मंगलौर से दिल्ली और उत्तर प्रदेश जमात में गए सत्रह लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर होम कोरंटाइन कर दिया गया है। सभी सोमवार रात लौटे थे। उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिला है।
बताया कि मंगलौर के मलकपुरा मोहल्ले से आठ व झबरेड़ा से सात लोग सत्रह से उन्नीस फरवरी तक निजामुद्दीन में जमात में शामिल हुए थे। बीस फरवरी के बाद वह उत्तर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर में जमात में शामिल रहे। वहां के कुछ लोगों की मदद से उन्होंने एक एंबुलेंस बुक कराई। सोमवार रात एंबुलेंस उन्हें लक्सर में उत्तराखंड बॉर्डर पर बिजनौर सीमा पर बालावाली सीमा पर छोड़कर चली गई। वहां से वह रेल पटरी होते हुए लक्सर के खड़ंजा कुतुबपुर गांव में पहुंचे। रात को वह अलग-अलग घरों में रहे। उन्होंने अपने परिवार वालों से बात की। उन्हें लेने के लिए एक वाहन खड़ंजा गांव गया। इस बीच पुलिस भी सक्रिय हो गई। पुलिस ने सभी आठ लोगों को जांच के लिए सिविल अस्पताल रुड़की भेजा। जांच में उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले। वही झबरेड़ा इलाके से सात लोग जमात में गये थे जो वापस लौट आये है। मंगलवार की शाम को स्वास्थ्य टीम ने इन लोगों का मेडिकल परीक्षण किया। अब इन सबको चौदह दिन के लिए घर में ही कोरंटाइन कर दिया गया है। एसपी देहात स्वपन किशोर सिंह ने बताया कि आठ लोग जमात में गए थे। एंबुलेंस बुक कराने के बाद वह रेलवे लाइन से आ रहे थे। बताया कि सभी को होम कोरंटाइन कर दिया गया है। उन पर लगातार नजर रखी जा रही है। अगर किसी ने भी होम कोरंटाइन की गाइड लाइन नहीं मानी तो तत्काल मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा। बताया कि आठ लोग तीन और लोगों के संपर्क में भी आए थे। यह तीन लोग उन्हें लेने के लिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग तीनों का भी मेडिकल कर रहा है। खड़ंजा कुतुबपुर में वह जिन घरों में रहे उनके बारे में भी प्रशासन जानकारी जुटा रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि आठों में किसी में लक्षण नहीं पाए गए हैं।
भगवानपुर के डाडा जलालपुर से नौ लोग डेढ़ माह पूर्व जमात में शामिल होने गए थे। लेकिन यह जमाती वापस नहीं लौटे हैं। सिरचंदी और मक्खनपुर गांव से कई दिन पहले दिल्ली जमात में 31 लोग गए थे। दस मार्च को वह वापस लौट गए थे। दो बार उनका मेडिकल हो गया है। ऐहतियात के तौर पर वह स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं।
जेएन सिन्हा संयुक्त चिकित्सालय रूड़की सीएमएस संजय बंसल ने बताया कि नौ लोगों की जांच की गयी और उनको एकांतवास में रहने की हिदायत दी गयी।

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