हरिद्वार। निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं ने ब्रह्मकुण्ड समेत गंगा के तमाम घाटों पर डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद देव दर्शन के साथ दान पुण्य भी किया। इसके साथ ही निर्जला एकादशी पर पंखे, सुराही, फल, दक्षिणा आदि दान किए।
पं. प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। वर्ष भर में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी में निर्जला एकादशी विशेष है। इस दिन निर्जल व्रत रखने का विधान है। इस दिन निर्जल व्रत करने से मनुष्य को सभी पापांे से मुक्ति मिल जाती है और उसे मोक्ष प्राप्त होता हैं। एकादशी पर गंगा स्नान के लिए प्रातः से ही श्रद्धालुओं का गंगा घाटों पर स्नान के लिए आने का सिलसिला जारी हो गया था। लोगों ने निर्जला एकादशी पर गंगा स्नान करने के पश्चात मंदिरों में देव दर्शन किए। तथा ब्राह्मणों को पंखा, शर्बत, फल, दक्षिणा आदि दान किए। इस दिन शर्बत, पंखा आदि दान करने का विशेष महत्व बताया गया है।