हरिद्वार। पूर्व केंद्रीय मंत्री, महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि नागरिक संशोधन अधिनियम किसी भी धर्म, किसी भी जाति, किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है। कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक स्वार्थों की खातिर मुसलमानों को धमकाने का काम कर रहे हैं और डराने का काम कर रहे हैं। जो उनके ही खिलाफ जाएगा । वे रविवार को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे ।वे कल गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के सिलसिले में यहां आए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यह अधिनियम 3 देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई है। उनको धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया गया और अत्याचार किया गया। वे सालों से भारत में शरण लिए हुए हैं और भारत की नागरिकता प्राप्त करने की बाट जो रहे हैं। यह नागरिक कानून उन लोगों की मदद के लिए है। इससे किसी भी भारतवासी की नागरिकता नहीं जाने वाली है ।केवल कुछ राजनीतिक दल अपने स्वार्थों की खातिर भ्रम फैला रहे हैं और देश को हिंसा की आग में झोंक रहे हैं।
उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।
डॉ. सत्यपाल सिंह ने बताया कि जिन अल्पसंख्यकों ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आकर शरण ली है उनकी मदद करने के केंद्र सरकार ने यह अधिनियम बनाकर मानवीय कार्य किया है। इस कानून पर प्रकाश डालते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहाकि जो पहले 12 वर्षों में उनको नागरिकता मिलती थी अब इस अधिनियम बनने के बाद उनको 6 वर्षों में भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी इसलिए यह कानून आया है। किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दल के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए यह राजनीतिक दल वोट बैंक के खातिर लोगों को भड़का रहे है और लोगों को गुमराह कर रहे है। कुछ लोग अज्ञानतावश उनके चक्कर में आ गए हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहाकि नागरिक संशोधन अधिनियम किसी के खिलाफ नहीं है ।किसी भारतीय के खिलाफ नहीं है किसी भी समुदाय खासकर मुसलमान के खिलाफ नहीं है कुछ लोग शरणार्थी बनकर भारत में आए हैं उनको मदद करने के लिए है।