रुड़की/संवाददाता
प्रदेश में बेहतर शिक्षा नीति को लेकर सरकार चाहे लाख दावे कर लें, लेकिन धरातल पर स्कूल संचालक सरकार की नीतियों को ठेंगा दिखा रहे है। लॉकडाउन के बाद से ऐसे कई स्कूलों के मामले सामने आये हैं। जिन्होंने अभिभावकों पर स्कूल फीस देने का दबाव बनाया। ऐसा ही एक मामला दिल्ली रोड स्थित चिल्ड्रन सीनियर एकेडमी स्कूल में देखने को मिला, जहां अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर फीस देने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा एक लीड कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिसकी एवज में उनसे एक-एक हजार रुपए क्वार्टर लिए जा रहे हैं। साथ ही आरोप लगाया कि लॉक डाउन से पहले जो ट्यूशन फीस थी, स्कूल प्रबंधन ने उसे संशोधित कर कई गुना बढ़ा दिया है। साथ ही धमकी भी दी जा रही हैं कि यदि अभिभावकों ने जल्द स्कूल और ट्यूशन फीस जमा नहीं कराई, तो उनके बच्चों को परीक्षा में बैठने नही दिया जाएगा, यदि वह परीक्षा में बैठ गए, तो उन्हें मार्क्स नही दिए जाएंगे। कुल मिलाकर स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य की तानाशाही के आगे अभिभावक तो बेबस है ही, साथ ही शिक्षा विभाग भी बोना नजर आ रहा है। अब एक ओर तो कोरोना जैसी भयंकर महामारी ओर दूसरी तरफ बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक कशमकश में फंसे हुए है। वहीं जब इस संबंध में प्रधानाचार्य राजबीर सिंह से वार्ता करने का प्रयास किया गया, तो पहले उन्होंने मामला संज्ञान में न होने की बात कही, जब अभिभावकों ने उन्हें लताड़ा, तो वह सीधे रास्ते पर आ गए और स्वयं उन्होंने कहा कि लीड कार्यक्रम को एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया है, साथ ही अभिभावकों पर फीस के लिए कोई दबाव नही है। इससे पूर्व अभिभावकों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी भी की। इस मौके पर तौसीफ, अरशद चैयरमेन, नीतू तोमर, आलिम, रत्ना, अमृता, मोनी, शरद त्यागी समेत बड़ी संख्या में अभिभावक मौजूद रहे।