किसान संशोधन एक्ट हो वापस, वरना होगा आंदोलनः चोपड़ा
हरिद्वार। देश के किसान संगठनों द्वारा राष्ट्रीय कृषि उत्पादन मंडी समितियों संरक्षण अधिनियम में भारत सरकार द्वारा संशोधन के विरोध प्रदर्शन का पूर्ण समर्थन करते हुए पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष, किसान नेता संजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर ईमेल के माध्यम से कृषि उत्पादन मंडी समिति संशोधन अधिनियम को किसान हित में वापस लिए जाने की मांग की। किसान, व्यापारी संगठनों की ओर से मांग की कि भारत सरकार द्वारा निजी मंडियों को बढ़ावा देने के उद्देश्यों की पूर्ति से किसानों का शोषण व उत्पीड़न की घटनाएं और अधिक हो जांएगी। इसीलिए मंडी संशोधन एक्ट को किसान हित, व्यापारी हित, आम उपभोक्ताओं के हित में वापस लिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष, किसान नेता संजय चोपड़ा ने कहा सन 1964 में पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह के सानिध्य में किसानों के संरक्षण व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अग्रिम प्रणाली के तहत भारत की कृषि उत्पादन मंडी समितियों के गठन किये गए थे। मंडी समितियों के गठन के उपरांत कृषकों, व्यापारियों, आम उपभोक्ताओं को सही दिशा मिल सके इसकी पूर्ति की गई थी। अब भारत सरकार द्वारा जिस प्रकार से मंडी एक्ट को समाप्त कर निजी मंडियों को बढ़ावा देने के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कदम उठाए जाना न्यायसंगत नही है। उन्होंने कहा केंद्र व राज्य सरकार को चाहिए कि किसानों के संरक्षण के लिए अनाज, दाल, आलू, प्याज अन्य समस्त किसान उपज को मंडी समितियों को दायरे में लाकर कालाबाजारी के नियंत्रण के लिए ठोस नियम बनाने चाहिए ताकि कालाबाजारी पर रोक के साथ किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य अर्जित हो। चोपड़ा ने कहा किसान संगठनों द्वारा चलाये जा रहे मंडी संशोधन एक्ट के विरोध का वह पूर्ण समर्थन करते हंै, आवश्यकता पड़ी तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाये जाएंगे।