हरिद्वार। आम आदमी पार्टी ने श्री महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या को संदिग्ध बताते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की। बुधवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि यदि महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या की सही से जांच की जाए तो बड़े-बड़े सफेदपोश नेता और भूमाफिया पकड़े जाएंगे। ये पूरा मामला आखड़ों की अरबांे रुपये की संपति हड़पने को लेकर है। पूर्व में भी कई ऐसे संतों की हत्या हो चुकी है।
प्रदेश उपाध्यक्ष ओपी मिश्रा ने कहाकि श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि के जाने से सनातन संस्कृति की अपूरणीय क्षति है। उनके द्वारा हिन्दू संस्कृति ओर धर्म प्रचार के किये कार्य अभूतपूर्व हैं। जिस प्रकार अखाड़ों और मठों में आए दिन सम्पति और उत्तराधिकारी को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं, उनमें कही न कही कुछ बड़े नेताआंे की सहभागिता भी रहती है। क्योंकि बिना उनके सहयोग से कोई भी कब्जा या संपति की दावेदारी नहीं कर सकता। महंत नरेंद्र गिरी भी इसी राजनीतिक फर्जी साधुआंे और जमीन माफियाओं की मिलीभगत की वजह से खुदखुशी की है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की जांच का दायरा बढ़ाने और जांच के स्वरूप को बदलने की मांग की। उपाध्याय ने कहाकि बाघम्बरी मठ की संपति और भूमि की जांच को दायरे में लाया जाए और इसकी जांच रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए।
प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा हेमा भण्डारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ये हत्या प्रतीत होती है। 13 पन्नों के सुसाइड नोट में 7 अलग-अलग हस्ताक्षर भी संदेह व्यक्त करते हैं। 13 तारीख काटकर जिस तरह 20 किया गया है वह भी संदेह के घेरे में आता है।
सचिव प्रदेश कोर कमेटी अनिल सती ने कहाकि जब धर्म और राजनीति का परस्पर विलय होगा तो भूमाफिया ओर सफेदपोश नेताओं के जरिये अखाड़ों ओर मठांे की सम्पत्ति खुर्द बुर्द होती रहेगी। जिस तरह पूर्व में संतों की हत्या हुई है और कई संत अभी तक लापता हैं। इनका अभी तक कोई सुराग न मिलना रसूखदारों ओर सफेदपोश नेताओं व भूमाफियाओं की संलिप्तता को दर्शाती है। जिसकी जांच की जानी चाहिए।