देसंविवि की छात्रा आयुषी ने किया मनोविज्ञान पैमाने का निर्माण

Education Haridwar Latest News Roorkee social uttarakhand

हरिद्वार। देवसंस्कृति विवि के मनोविज्ञान विभाग ने विस्तृत शोध के बाद एक मनोवैज्ञानिक पैमाने का निर्माण करने में सफलता प्राप्त की है। इसके अंतर्गत वैवाहिक व अवैवाहिक जीवन में सामंजस्य बिठाने को लेकर आ रही समस्याओं का निदान ढूंढा जा सकता है। आपसी विचार, व्यवहार, पारिवारिक संबंध, सामंजस्य सहित विभिन्न समस्याओं पर एक हजार से अधिक लोगों के साथ छह वर्ष के अध्ययन करने के बाद उसका हल निकालने प्रयास किया गया है। उल्लेखनीय है आयुषी सबरवाल के नेतृत्व में बनी इस स्केल को भारत की प्रसाद साइको कारपोरेशन, नई दिल्ली ने प्रकाशित कर इसमें अपनी मुहर लगाई है।
देव संस्कृति विवि का मनोविज्ञान विभाग, विचार, व्यवहार, मन, संबंध, सामजस्य एवं वर्तमान की अनेक समस्याओं को लेकर कार्य कर रहा है। विभाग के विद्यार्थी विभिन्न समस्याओं को लेकर उसके परामर्श एवं निदान के क्षेत्र में विशेष योगदान दे रहे हैं। इसी कड़ी में विभाग की पूर्व छात्रा आयुषी सबरवाल ने दाम्पत्य जीवन व अवैवाहिक जीवन की समस्याओं व उसके निदान पर कार्य किया है। आयुषी ने एक ऐसे स्केल का निर्माण किया है, जिससे दाम्पत्य जीवन व अवैवाहिक जीवन के विचारों भावों, संबंधों आदि के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त होगी। इस जानकारी के आधार पर उपरोक्त समस्याओं पर समुचित निदान किया जा सकता है। इससे दाम्पत्य एवं अवैवाहिक जीवन को घनिष्ठ व सुलझे दृष्टीकोण से ठीक किया जा सकता है। आयुषी ने बताया कि भारत में इस तरह का कार्य पहली बार हुआ है। एक हजार से अधिक लोगों के साथ करीब छह वर्षों के परिश्रम के बाद यह पैमाना तैयार हो पाया है। इसमें देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी का विशेष योगदान है।
देसंविवि के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी ने आयुषी की इस उपलब्धि पर शनिवार को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रतिकुलपति डा. चिन्मय पण्ड्या ने आयुषी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पारिवारिक जीवन की समस्याएं जानने का बेहतर माध्यम होने से इसका परामर्श व निदान सरलतापूर्वक किया जा सकता है। विवि परिवार ने भी आयुषी को बधाई दी। इसे पूरा कराने में विभाग के समवन्यक डा. सन्तोष विश्वकर्मा, डा. दीपक कुमार, डा. स्वदेक भट्ट, डा. मनीष का सराहनीय योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *