हरिद्वार। बाबा रामदेव की पतंजलि कोरोना की दवा को लेकर पलटी मार गई है। पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने आज पलटते हुए कहा कि उन्होंने कोरोना की दवा बनाने का कभी भी दावा नहीं किया है। उन्हांेने कहा कि हमने तो कोरोना के रोग में अपनी बनाई दवा को लाभकारी बताया है और हमने जो आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से औषदि तैयार की है उस औषदि के कोरोना मरीजों पर किये गए क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल के परिणामों को देश दुनिया के सामने रखा है। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमने कभी यह दावा नहीं किया कि हमने कोरोना वायरस की दवाई बनाई। हमने तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा का एडवांस स्तर पर कंबीनेशन बनाया और वह जब कोरोना वायरस के मरीजों पर क्लीनिकल ट्राई किया गया तो उसे कोरोना वायरस के मरीज ठीक हुए हमने कोई यह दावा नहीं किया ना ही यह प्रचार किया ना किसी जगह विज्ञापन दिया कि हम कोरोना की दवाई बना रहे हैं। हमने इम्यूनिटी बूस्टर के लिए लाइसेंस लिया है और उसी के लिए यह बनाया है। हमारे खिलाफ षड्यंत्र किया गया। उन्हांेने कहा कि यदि आयुष मंत्रालय कहेगा कि इसका क्लीनिकल ट्रायल दोबारा करो तो वह हम करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमने जिस चीज का लाइसेंस लिया वही तो हम बनाएंगे और हमने ऐसा ही किया। उन्होंने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत भ्रम फैलाया गया। बता दें कि 23 जून को पतंजलि योगपीठ में कोरानिल की लॉंिचंग के अवसर पर बाबा और निम्स के निदेशक ने इसे कोरोना के उपचार की रामबाण दवा बताया था। निम्स के निदेशक डा. तोमर ने दावा किया था कि कोरोनिल का मरीजों पर परीक्षण किया गया है। जिसमें 3 से 7 दिनों में दवा के सेवन से कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं। सरकार का दवाब पड़ने पर जहां निम्स के निदेश पलटी मार गए वहीं बाबा भी अपने दावें से पलट गए हैं।