हरिद्वार। जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने कुम्भ मेला के सम्बंध में केंद्र सरकार से प्राप्त एसओपी का अनुपालन कराये जाने को लेकर ट्रेवल व्यवसाईयों के साथ एक बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में की। बैठक में विभिन्न बस, ट्रक, आॅटो, रिक्शा युनियनों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
बैठक से पूर्व 17 फरवरी तक चलने वाले सड़क सुरक्षा माह के दुष्टिगत सभी पदाधिकारियों को लोगों की जान की सुरक्षा की शपथ जिलाधिकारी ने दिलायी। उन्होंने सभी से शपथ को दिल से अपनाने तथा इसके महत्व को समझने का अपील की।
बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्र से प्राप्त कुम्भ मेला एसओपी में व्यक्ति की जीवन सुरक्षा को सर्वोपरी मानते हुए सुरक्षित कुम्भ आयोजन के दिशा निर्देश दिये गये हैं। कुम्भ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है और कोरोना से भी विश्व भर में संकट छाया है। कई देशों में कोरोना के नये स्टेªन भी देखने को मिले हैं, ऐसे में सुरक्षित कुम्भ आयोजन के लिए प्राप्त दिशा निर्देशों का पालन कराने के लिए ट्रेवल व्यवसायियों की भूमिका और सहयोग महतत्वपूर्ण है।
प्रशासनिक स्तर पर अन्य राज्यों से वार्ता कर सूचना दे दी गयी है, किन्तु जो भी व्यक्ति आपकी एजेंसी के माध्यम से कुम्भ मेले में आने के लिए बुकिंग कराता है और वाहन का प्रयोग करता है उसकी सुरक्षा के लिए ट्रेवल व्यवसायिओं को अपनी बुकिंग साइटों, कार्यालयों आदि में एसओपी के अनुपालन के लिए यात्रियों को अपनी ओर से जानकारी प्रसारित की जाये। उन्होंने कहा कि टेªवल एजेंसीज गाइड लाइन के अनुसार यात्रियों की सुरक्षा व आकस्मिक स्थिति के लिए प्रशासन द्वारा दिये गये लिंक, पोर्टल पर अनिवार्य पंजिकरण, आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट अवश्य अपलोड करने के लिए भी प्रोत्साहित करें, जिससे बाॅर्डर एरिया में गैर पंजिकृत लोगों को वापस लौटना न पड़े। जिला प्रशासन की ओर से जारी कोरोना हेल्प लाइन नम्बरों, पोस्टरों, स्टिकरों, आदि व महत्वपूर्ण एसओपी निर्देशों को भी अपने अपनी बुकिंग साइटों, कार्यालयों, वाहनों आदि पर चस्पा कर जागरूक नागरिक के दायित्व को निर्वहन करंे।
जिलाधिकारी ने ट्रेवल व्यवसायिओं को जिला प्रशासन की ओर से कुम्भ मेला के दौरान बाॅर्डर से लेकर मेला क्षेत्रों में जगह-जगह लगाये जाने वाले कोरोना सैम्पलिंग, बाॅर्डर चैकिंग की रणनीति से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य टीमें, बाॅर्डर और शहर के अंदर सैम्पलिंग और टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी किन्तु व्यापारियों को भी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ सकारात्मक व्यवहार अपनाते हुए सहायता करनी होगी किस प्रकार और कैसे जरूरतमंद को प्रशासन और स्वास्थ्य सेवा का लाभ तत्काल दिलाया जाये। सभी कंट्रोल रूम व एम्बुलेंस आदि के नम्बरों की जानकारी व्यवसायी से लेकर वाहन चालकों तक को रखनी होगी जिससे समय पर मदद की जा सके। सभी ड्राइवरों का पुलिस वैरीफेशन करा लें।