मेला कार्यों की धीमी गति पर अखाड़ा परिषद नाराज

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अखाड़ों में होने वाले स्थायी कार्य जल्द शुरू कराए जाएंः नरेंद्र गिरी
हरिद्वार।
मेला कार्यांे की धीमी गति पर अखाड़ा परिषद ने नाराजगी व्यक्त की है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि 2021 में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां बेहद धीमी गति से की जा रही हैं। अखाड़ों में होने वाले स्थाई कार्यों को अभी तक शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मेले की तैयारियों को लेकर कुंभ मेला प्रशासन लापरवाही बरत रहा है। उन्होंने कहा कि मठ, मंदिरों, अखाड़ों के सौन्दर्यीकरण के कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हो पाए हैं। जिसे लेकर संतों में नाराजगी बनी हुई है। आधे अधूरे कार्यों को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। हाईवे निर्माण से लेकर फ्लाईओवर व पुलों का निर्माण भी बेहद धीमी गति से हो रहा है। निर्माण कार्यों की धीमी गति को देखते हुए इनका कुंभ शुरू होने से पूर्व पूरा होना संभव नहीं लगता। महाकुंभ शुरू होने का समय तेजी से नजदीक आ रहा है। लेकिन मेला प्रशासन कार्यांे को तेजी से पूरा नहीं करा पा रहा है। जबकि अखाड़ों के स्तर पर महाकुंभ को लेकर तेजी से तैयारियां की जा रही हैं। लेकिन मेला प्रशासन अभी तक महाकुंभ के दौरान अखाड़ों के छावनियों स्थलों को विकसित करने, छावनियों के लिए अखाड़ों को जमीन उपलब्ध कराने जैसे कार्यों को ही पूर्ण नहीं कर पाया है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि वे आठ व नौ दिसंबर को हरिद्वार में सभी अखाड़ों के संतों से मिलकर कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे। इसके बाद 10 दिसंबर को निरंजनी अखाड़े में सभी अखाड़ों की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में अखाड़ा परिषद की तरफ से रखे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि 10 दिसंबर को अखाड़े में होने वाली बैठक को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं।
श्री पंच निर्मोही अणी अखाड़े के परमाध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने भी मेला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिस गति से काम हो रहा है। उसे देखते हुए मेला शुरू होने से पूर्व कार्यों का पूरा होना संभव नहीं लग रहा है। श्री पंच निर्वाणी अणी अखाड़े के परमाध्यम श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने भी मेला प्रशासन से काम तेजी से संपन्न कराने तथा बैरागी अखाड़ों को स्थायी रूप से जगह उपलब्ध कराने की मांग की है।

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