मंद पड़े कुंभ में गर्माहट लाएगी संतों की राजनीति!

big braking dehradun Haridwar Latest News Politics Roorkee social uttarakhand

हरिद्वार। कंुंभ मेले की सरगर्मियां भले की धीमी चल रही हों, किन्तु संतों ेकी आंतरिक राजनीति अपने चरम पर है। वर्तमान ेमें चल रही राजनीति कुछ बड़ा होने का संकेत कर रही है। स राजनीति में हर कोई अपने प्यादे बैठाकर एक-दूसरे को शह-मात देने की जुगत में हैं। इस राजनीति में बैरागी संतों की से अधिक अहम् भूमिका रहने वाली संन्यासियों की रहने वाली है।
बता दें कि अखाड़ा परिषद के महामंत्री पद से श्रीमहंत हरिगिरि महाराज की छुट्टी करने की रणनीति पर काम चल रहा है। वहीं निरंजनी के स्वामी कैलाशानंद को आचार्य बनाने के बाद अग्नि अखाड़े में भी उथल-पुथल अपने चरम पर है। इसी के साथ अग्नि अखाड़े की गुपचुप तरीके से सम्पत्ति का बंटवारा ओर कुछ संतों की मनमर्जी अग्नि अखाड़े में बड़े विस्फोट की ओर इशारा कर रही है। सूत्र बताते है। कि यह विस्फोट मार्च महीने में होने की संभावना प्रबंल है। इसी विस्फोट के एक हिस्से के चलते अग्नि अखाड़े के एक संत अस्पताल तक पहुंच चुके हैं। वहीं जो हालात अंदरखाने चल रहे हैं उसमें कोट, पुलिस सब कुछ होने की संभावना है। वहीं अग्नि अखाड़े के संतों का एक बड़ा हिस्सा जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से भी खासा नाराज चल रहा है। नाराजगी का प्रमुख कारण अग्नि अखाड़े में अत्यधिक हस्तक्षेप व दूसरा किन्नर अखाड़े के स्नान को लेकर है। इसके साथ ही जूना का दूसरे सहयोगी अखाडे़ के कुछ संत भी इस मुद्दे पर श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से नाराज चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अखाड़ा परिषद में अपनी उपेक्षा से नाराज बैरागी संत भी इस बार परिषद में बड़ा पद पाने की जुगत में हैं। जबकि बैरागी संतों पर संन्यासी अखाड़े के एक वरिष्ठ संत ने उन पर खुद की ताजपोशी के लिए डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। इन सब समीकरणों के चलते श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के पद पर संकट के बादल छाने शुरू हो गए हैं। वैसे कुछ संत अखाड़ा परिषद की पूरी कार्यकारिणी में फेरबदल की तैयारी में अपनी चाल चलना शुरू कर दिए हैं। अब समय ही बताएगा की कुंभ में संतों की राजनीति किस दिशा में जाकर रूकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *