हरिद्वार। कोरोना महामारी के चलते इस बार भी कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई है। ऐसे में देशभर से हरिद्वार आने वाले कांवडि़यों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। व्यापार मंडल सरकार के इस निर्णय के खिलाफ मुखर हो गया है। इसी कड़ी में व्यापारियों ने कांवड़ मेला खोले जाने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ हाथों में डमरू व शिवजी की प्रमिता लेकर प्रदर्शन किया। व्यापारियों का कहना है कि सरकार को व्यापारी और हिंदू भावनाओं के हित में इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए।
हरिद्वार प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों का कहना है जिस तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आस्था को देखते हुए कांवड़ मेला कराने का निर्णय लिया है। उसी तरह उत्तराखंड में भी कांवड़ मेला खोल दिया जाना चाहिए। कांवडि़यों को हरिद्वार आने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिससे व्यापारियों को भी काफी राहत मिलेगी। व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष डॉ. नीरज सिंघल ने कहा कि लॉकडाउन के बाद कांवड़ मेला को कोरोना के नाम पर निरस्त किया जा रहा है। अभी तो कोविड के केस काफी कम हैं और स्थिति भी पहले से बेहतर है। ऐसे में प्रशासन को कांवड़ मेले को विधिवत संपन्न करवा कर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रशासनिक क्षमता का परिचय देना चाहिए। व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने कहा कि सरकार कांवड़ मेला स्थगित कर हिंदू समाज में क्या संदेश देना चाहती है? जब उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ मेला 25 जुलाई से करने के आदेश जारी कर दिए तो उत्तराखंड सरकार को भी इस पर विचार करना चाहिए। कोरोना के चलते व्यापारी पहले से ही लाचार हो गया है। अब कांवड़ यात्रा बंद होने पर व्यापारी किसके आगे हाथ फैलाए? उन्होंने कहा कि हरिद्वार भगवान शिव का ससुराल है तो हरकी पैड़ी से भगवान परशुराम ने कांवड़ उठाकर इस उत्सव की शुरुआत की थी। ऐसे में सरकार को चाहिए कि हिंदू हित में सावन मेला सकुशल संपन्न कराए। त्रिवाल ने कहा जब प्रशासन 10 टीम कांवडि़यों को रोकने के लिए बना सकता है तो 10 टीम मेला भी संपन्न करा सकती है।