श्रमिक विरोधी कानूनों को वापस ले सरकारः राजबीर

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हरिद्वार। विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर रैली निकाली। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को 13 सूत्रीय ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। इस दौरान भेल श्रमिक नेता राजबीर चैहान ने कहा कि सरकार काॅरपोरेट घरानों का लाभ पहुंचाने के लिए श्रमिक विरोधी कानून लागू कर रही है। उन्हें तुरंत निरस्त किया जाए। साथ ही किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को भी तुरंत वापस लिया जाए। सावर्जनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। जिससे बढ़ती महंगाई पर रोक लग सके। बढ़ती बेरोजगारी पर रोक लगाने के लिए रोजगार उत्पन्न करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। केंद्र एवं राज्य सरकारों के कार्यालयों में कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक को समाप्त किया जाए। हाल ही में पास किए गए बजट में सरकारी संस्थानों को बेचने पर रोक लगायी जाए। बढ़ती महंगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन 21हजार रूपए प्रतिमाह किया जाए। ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर समान कार्य के लिए समान वेतन कामगारों को दिया जाए। सभी कामगारों को 10हजार रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जाए। बोनस एवं ग्रेज्युटी वेतन भुगातन आदि पर लगायी गयी सीलिंग को समाप्त कर सभी कामगारों को भविष्य निधि का लाभ दिया जाए। केंद्र एवं राज्य के सार्वजनिक उद्यमों के निजीकरण एवं निगमीकरण की नीति पर रोक लगायी जाए। रेलवे, बीमा एवं प्रतिरक्षा जैसे संस्थानों में एफडीआई योजना बंद की जाए। मजदूर एवं जनता विरोधी बजट में संसोधन किया जाए। इस अवसर पर दीपचंद, रहतूराम, राजेश बिष्ट, डीएन शाही, अमरीश चैहान, आशुतोषा चैहान, संदीप चैहान, देवेंद्र, मनोज यादव, मुकेश कुमार, पंकज कुमार, नवीन कुमार, ब्रजमोहन पटवाल, राजेंद्र रावत, विक्रांत पटवाल, करण सिंह, सुनील कुमार, इफ्तेकार हसन, विवेक कुमार, उमेश कुमार, गजेंद्र, संजय, प्रदीप, रेशु चैहान, अनंगपाल, विकास प्रताप, नरेश, पवन कुमार, अमरजीत, गौरव ओझा, पंकज शर्मा, सचिन, मनीष सिंह, परमाल सिंह, विकास चैधरी, नईम खान, घनश्याम, अरूण, गजेंद्र, चंदभूषण, हिमांशु, अवधेश, देवी प्रसाद, रोहित, अमृत गोपाल, केपी सिंह, सतीश, आरसी धीमान, इमरत सिंह, अशोक चैधरी, वीरेंद्र कुमार, रामजीत, जेपी वर्मा, वसीम अहमद, कदम सिंह, आरके बड़ोनी, सुरेशचंद, आशीष, रोबिन, अरूण, राजेश, विमल, राहुल आदि शामिल रहे।

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