जीवन को स्वस्थ बनाने में औषधीय पौधों की अहम भूमिका: डॉ जोशी

dehradun Health Latest News Roorkee social uttarakhand

देसंविवि में औषधीय पौधों, पारिस्थितिकी एवं हिमालय पर सेमिनार का आयोजन
हिमालय एक अमूल्य प्राकृतिक धरोहर: डॉ. चिन्मय पण्ड्या
हरिद्वार।
देव संस्कृति विवि में औषधीय पौधों, पारिस्थितिकी, हिमालय और समाज विषय पर दो दिवसीय सेमीनार का रविवार को समापन हो गया। उत्तराखण्ड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और राज्य औषधीय पौधों के बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजन थे।
सेमीनार के मुख्य अतिथि पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि औषधीय पौधे जीवन को स्वस्थ बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। औषधीय पौधे न केवल मानवीय जीवन वरन् अन्य जीव-जन्तुओं की प्राणों की रक्षा भी करते हैं। पद्मभूषण डॉ. जोशी ने पारिस्थितिकी, हिमालय और जैव विविधता संरक्षण पर मूल्यवान विचारों पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस अवसर पर देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने औषधीय पौधों का वातावरण पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। यह पारिस्थितिकीय तंत्र को मजबूती प्रदान करता है। इस सन्दर्भ में हिमालय एक अमूल्य प्राकृतिक धरोहर है, जो अनादि काल से मनुष्यता का उत्थान करता रहा है। प्रतिकुलपति ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से औषधीय पौधों एवं हिमालय पर पौराणिक कथानकों के माध्यम से विस्तृत प्रकाश डाला।
सेमीनार के संयोजक प्रो. करण सिंह और डॉ. ललित राज सिंह ने बताया कि सेमीनार का आयोजन विविध प्रकार के औषधीय पौधों के बुनियादी और अनुप्रयुक्त पहलुओं को ध्यान में रखकर किया गया था। प्रस्तुत सेमिनार के शोधपत्र विविध नालों, नृवंश विज्ञान, फार्माकोग्नॉसी, जैव विविधता विकास और संरक्षण प्रथाओं से संबंधित थे। शोध पत्रों को स्थापित मानक के आधार पर स्वीकार किया गया और स्मारिका प्रकाशित की गई। स्मारिका में 15 उप विषय और लगभग एक सौ वैज्ञानिक पत्र शामिल हैं। वहीं 50 अन्य पोस्टर प्रस्तुति के माध्यम से औषधिय पौधों को उकेरा गया है। दो दिन चले इस सेमीनार में विभिन्न स्थानों से आये 125 प्रतिभागियों ने पेपर पढ़े।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *