प्राचीन पवित्र छड़ी जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना के बाद नैना देवी के लिए रवाना

dharma Haridwar Latest News Roorkee social uttarakhand

हरिद्वार। गत 17 सितम्बर को हरिद्वार से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड के समस्त तीर्थांे व चारा धाम की यात्रा के लिए रवाना की गयी श्रीपंच दशनाम जूना आनंद अखाड़े की पवित्र प्राचीन छड़ी शनिवार को जागेश्वर धाम पहुंची। जहां प्रशासन की ओर से तहसीलदार दिवान सिंह सलाल, कानूनगो गोस्वामी ,ग्राम प्रधान गोपाल सिंह बिष्ट तथा धाम के प्रबंधक भगवान भट्ट ने तीर्थ पुरोहितों के स्थानीय नागरिकों के साथ पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की। छड़ी के प्रमुख महंत श्रीमहंत प्रेमगिरि के नेतृत्व में नागा सन्यासियों के जत्थे ने जागेश्वर महादेव की पूजा अर्चना की तथा पवित्र छड़ी को दर्शन कराया। बताते चलंे कि जागेश्वर धाम भगवान शिव के द्वादश ज्योर्तिलिंग में से एक है। यह प्रथम ज्योर्तिलिंग है जहां भगवान शिव के लिंग रूप की पूजा अर्चना की परम्परा सर्वप्रथम प्रारम्भ हुयी थी। पौराणिक आख्यानों के अनुसार भगवान शिव तथा सप्तऋषियों ने यहां तपस्या की थी। जागेश्वर धाम बारह ज्योर्तिलिंगों में से 8वां है और इसे उत्तराखंड का पांचवा धाम कहा जाता है। जागेश्वर मन्दिर में केदारनाथ शैली में बने 125 मन्दिर है। जिनमें दुर्गा, सूर्य, हनुमान, कालिका तथा कालेश्वर के मुख्य मन्दिर है। देवदार के घने जंगलों में स्थित इस मन्दिर का निर्माण पांडवांे ने किया था। लेकिन इतिहासकारों के अनुसार 8वीं शताब्दी में कलूरी और चंद राजाओं ने इसका पुरूर्णोद्वार कराया था। रविवार को प्रातः पवित्र छड़ी जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना के पश्चात नैनादेवी के दर्शनों के लिए नैनीताल रवाना हुयी। रात्रि में पवित्र छड़ी गेठिया में पायलट बाबा के आश्रम में विश्राम करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *