सड़क परिवहन एवं राजमार्ग व आईआईटी रुड़की के बीच हुआ एमओयू साइन

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रुड़की। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क, पुल, सुरंग परियोजनाओं की निर्माण लागत और अवधि कम करने के लिए स्वदेशी और उपयुक्त तकनीकों को विकसित करने के लिए एक विशेष पहल की है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए देश के अनुसंधान संस्थानों की दक्षता और अकादमिक क्षेत्र की विशेषज्ञता को उपयोग में लाया जा रहा है।
इस दिशा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की ने शुक्रवार 22 जनवरी को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत एमओआरटीएच प्रोफेसोरियल चेयर को जारी रखा जाएगा, जो हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में अनुसंधान व विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण पर जोर देगा। गिरिधर अरामने सचिव (एमओआरटीएच) ने एमओयू पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। एमओयू पर महानिदेशक ;सड़क विकासद्ध एवं विशेष सचिव, इंद्रेश कुमार पांडे और प्रो.मनोरंजन परिदा, उप निदेशक एवं प्रोफेसर सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की ने हस्ताक्षर किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की उच्च तकनीकी शिक्षा एवं इंजीनियरिंग तथा बुनियादी व अनुप्रयुक्त अनुसंधान में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में अग्रणी है। अपनी स्थापना के बाद से, संस्थान ने देश में उच्च-स्तरीय तकनीकी कौशल वाले पेशेवरों को तैयार करने, तकनीकी जानकारी और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), भारत सरकार देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। दोनों संगठन आईआईटी- रुड़की में एमओआरटीएच प्रोफेसोरियल चेयर को जारी रखने के लिए सहमत हुए हैं, जो निम्नलिखित क्षेत्रों में से एक या अन्य में नेतृत्व प्रदान करेगा। देश में राजमार्ग विकास के लिए एमओआरटीएच के एम्बेसडर के रुप में कार्य करना। आईआईटी-रुड़की और भारतीय अकादमिक समुदाय के बीच राजमार्ग क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना। राजमार्ग विकास परियोजनाओं के पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों को लेकर आईआईटी-रुड़की में और भारतीय अकादमिक समुदाय के बीच राजमार्ग अध्ययन को आसान बनाना। विभिन्न मानकों, दिशानिर्देशों, सेमिनारों, प्रशिक्षण, पुस्तिकाओं आदि के माध्यम से राजमार्ग विकास के लिए योजना, डिजाइन, निर्माण व संचालन तथा रखरखाव के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी उन्नयन को लेकर जानकारियों का प्रसार करना। आईआईटी रूड़की और भारतीय अकादमिक समुदाय के साथ एमओआरटीएच की भागीदारी सुनिश्चित कर वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से राजमार्ग की व्यावहारिक समस्याओं के समाधान खोजने में मदद करना। राजमार्गों और अन्य संबंधित पहलुओं पर काम कर रहे आईआईटी रुड़की और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के हाइवे इंजीनियरिंग से संबंधित संसाधनों का उपयोग और विस्तार करना। आईआईटी रुड़की के साथ एमओआरटीएच के इस सहयोग से रोड सेक्टर में रिसर्च व डेवलपमेंट से संबंधित गतिविधियों को बल मिलेगा तथा चेयर प्रोफेसर से हाईवे इन्प्रफास्ट्रक्चर के विकास के क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और शिक्षण के संचालन और समन्वय में नेतृत्व मिलने की उम्मीद है। एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान सचिव ने कहा, ‘सरकार भागीदारी और मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देती है। यह एमओयू सरकार एवं शैक्षणिक भागीदारी का एक नया मानदंड स्थापित करता है, जो आईआईटी के संकायों और मंत्रालय के तकनीक से जुड़े अधिकारियों को सीखने के नए अवसर प्रदान करेगा और आंतरिक क्षमता निर्माण में उपयोगी साबित होगा ताकि हम समाज को लाभा पहुंचा सकें। प्रो. मनोरंजन परिदा, उप निदेशक एवं प्रोफेसर सिविल इंजीनियरिंग आईआईटी रुड़की, ने कहा, ‘आईआईटी रुड़की देश में हाईवे इंजीनियरिंग में टीचिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट की दिशा में लंबे समय से योगदान दे रहा है। यह एमओयू आईआईटी रुड़की को हाईवे सेक्टर से जुड़े समकालीन चुनौतियों पर काम करने और देश में राजमार्ग विकास में भागीदार बनने का अवसर प्रदान करता है।

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