लिंग परीक्षण करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने पकड़े दो महिला समेत चार लोग, चिकित्साधिकारी पर मुख्य आरोपी को छोड़ने व पकड़ी गई महिलाओं को पिछले रास्ते से फरार कराने का आरोप

Crime dehradun Haridwar Health Latest News Main News Roorkee social uttarakhand

दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता

भगवानपुर में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड से लिंग परीक्षण करने का मामला प्रकाश में आया हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने दो लोगों व दो महिलाओं को रंगेहाथ पकड़ लिया और रुड़की नगर निगम के स्वास्थ्य कार्यालय में ले आये। बाद में एसडीएम रुड़की, सिविल लाईन कोतवाल व एसीएमओ मौके पर पहुंच गये। बाद में सभी को सिविल लाईन कोतवाली लाया गया। जहां एसडीएम ने पूरे मामले की जांच करने की बात कही।
मिली जानकारी के अनुसार सहारनपुर के रामपुर मनिहारान निवासी अवनीश कुमार अपने एक अन्य साथी अंकित निवासी लूंढी के साथ एक्टिवा पर बैठकर भगवानपुर के मक्खनपुर में एक मैडिकल पर पहुंचे। इस दौरान वहां डॉ. शिवकुमार, चार महिलाएं मौजूद थी। आरोपी अवनीश ने पोर्टेबल मशीन से गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड किया। इसी दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौके पर मौजूद हसीन अली, भोपाल, सिद्धार्थ, संजीव भारद्वाज ने उसे पकड़ लिया तथा एक्टिवा पर बैठे एक अन्य युवक अंकित को भी पकड़ा और दो महिलाओं के साथ चारों को लेकर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में पहुंचे, जहां डॉ. विक्रांत सिरोही ने उनसे कई घंटे तक पूछताछ की। हालांकि इसकी सूचना उनके द्वारा न तो भगवानपुर पुलिस और न ही सिविल लाईन पुलिस को दी गई। यही नहीं उच्च अधिकारियों को भी सूचना देना गंवारा नहीं समझा। बाद में इस मामले की भनक मीडिया को लगी, तो बड़ी संख्या में मीडिया जगत के लोग मौके पर पहुंच गये। इस दौरान डॉ. सिरोही ने मीडिया से कोई बात नहीं की और कई घंटे तक इंतजार कराया। मीडिया की सूचना पर एसीएमओ हनुमान शाक्य रुड़की पहुंचे। वह भी मीडिया के सवालों का सही जवाब नहीं दे पाये। मीडिया की शिकायत पर एसडीएम रुड़की गोपाल सिंह चौहान, सिविल लाईन कोतवाल अमरजीत सिंह, दरोगा बारू सिंह चौहान मौके पर पहुंचे और मामले की पड़ताल शुरू की। पूरी जानकारी मिलने पर एसडीएम गोपाल सिंह चौहान द्वारा जब डॉ. सिरोही व अन्य लोगों को कोतवाली चलने के लिए कहा गया। इस पर सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने उन्हें टोक दिया कि आप कौन हैं? इस पर एसडीएम ने उन्हें अपना परिचय दिया। पूछताछ के दौरान आरोपी अवनीश कुमार ने बताया कि तेज्जूपुर गांव में मैडिकल चलाने वाले डॉ. शिवकुमार इस धंधे को बड़े लम्बे समय से अंजाम देते आ रहे हैं और वह 10 से 15 हजार रुपये लिंग परीक्षण करने का लेते हैं। जबकि उन्हें केवल 3 से 4 हजार रुपये दिये जाते हैं। साथ ही यह भी खुलासा किया कि जब स्वास्थ्य टीम उन्हें पकड़ने के लिए पहंची, तो डॉ. शिवकुमार व चार अन्य महिलाएं मौके पर मौजूद थी। टीम ने डॉ. शिवकुमार व दो महिलाओं को गुफ्तगू के बाद छोड़ दिया और एक्टिवा पर बैठे मेरे साथी अंकित तथा दो अन्य महिलाओं को लेकर नगर निगम के स्वास्थ्य कार्यालय आ गये। साथ ही आरोपी अवनीश ने यह भी खुलासा किया कि इस मामले में उसके साथी अंकित का कोई रोल नहीं हैं। मैंने उससे लिफ्ट ली थी और वह एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हैं। अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए रुड़की आ रहा था। मैंने उससे लिफ्ट लेकर केवल भगवानपुर में दस मिनट देने की बात कही। इसी दौरान वह पकड़ लिये गये। देर रात तक सिविल लाईन कोतवाली में आरोपियों से पूछताछ चल रही थी। अहम बात यह है कि डॉ. विक्रांत सिरोही की कार्यशैली इसलिए संदिग्ध नजर आती है कि उन्होंने इस मामले की सूचना न तो पुलिस को दी और न ही विभाग के उच्च अधिकारियों को। मीडिया के संज्ञान में आने के कई घंटे बाद अधिकारियों को बताया। यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *