गुरुकुल में साहित्य का संगम 10 से, जुडे़गी कई हस्तियां

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हरिद्वार। आगामी 10 से 12 दिनों तक गुरुकुल विश्वविद्यालय में साहित्य की हस्तियों को जमावड़ज्ञ रहेगा। हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल के नाम से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में देश की कई जानी-मानी हस्तियां हिस्सा लेंगी और अपने ज्ञान के आलोक से महोत्सव को प्रकाशित करेंगी।
महोत्सव में संबंध में सोमवार को गुरुकुल विवि के सीनेट हाॅल में पत्रकारों को जानकारी देते हुए प्रो. श्रवण कुमार ने बताया कि 10 जनरी को महोत्सव का आगाज होगा। महोत्सव का शुभारम्भ जाने माने गीतकार समीर, पर्यावरणविद क्लाउड एलवारिस व नेपाल के बसंत चैधरी करेंगे। बताया के महोत्सव में कुल 13 सत्र होंगे। जिनमें से प्रथम दिन 3 सत्र आयोजित किए जाएंगे। नेपाल से आने वाले बसंत चैधरी साहित्य पर चर्चा करेंगे, जबकि क्लाउड एलवारिस पर्यावरण पर और गीतकार समीर फिल्म जगत में साहित्य का योगदान और फिल्म से समाज को मिलने वाले ज्ञान के संबंध में चर्चा करेंगे।
इस फेस्टिवल का मूल उद्देश्य यह है कि जो लोग साहित्य से विमुख हो गए है, उनके अन्दर साहित्य की चेतना जगाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है, समाज का प्रतिबिम्ब है, समाज का मार्गदर्शक है और समाज का लेखा-जोखा है। किसी भी राष्ट्र या सभ्यता की जानकारी उसके साहित्य से प्राप्त होती है। साहित्य लोकजीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल समाज और शिक्षण संस्थानों को साहित्य से जोड़ने का एक सेतु बनेगा। साहित्य का समाज से वही संबंध है, जो संबंध आत्मा का शरीर से होता है। साहित्य समाज रूपी शरीर की आत्मा है। साहित्य अजर-अमर है।
प्रो. श्रवण कुमार ने बताया कि तीन दिनों में दो सत्र महिलाओं के लिए होंगे। जिसमें प्रीता एम ठाकुर चर्चा करेंगी। इसके साथ ही स्थानीय रचनाकारों की भी इस सत्र में भागीदारी सुनिश्चित की गई है। बताया कि अन्य दो सत्रों में देश की गंगा-जमुनी तहजीब, संस्कृत कविता और ऊर्दु शायरी पर मंथन किया जाएगा। साहित्य के साथ अशोक, पूजा पंवार, शशी, गुरुदीप धीमान की पेंटिंग व फोटाग्राफी की प्रदर्शनी भी इस दौरान लोगों को देखने को मिलेगी। बताया कि साहित्य के साथ गजल का भी इस महोत्सव में समावेश किया गया है। बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी पहलुओं को समाहित करने का प्रयास किया गया है। श्री कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य साहित्य पर चर्चा के साथ यह भी है कि शिक्षण संस्थान केवल शिक्षा देने तक ही सीमित न हों। बड़े शिक्षण संस्थानों को छोटे संस्थानों से जोड़ना और छोटों को समाज से जोड़कर एक व्यापक स्तर पर कार्य करना भी है। बताया कि इस कार्यक्रम में 9 राज्यों के अतिथियों के साथ नेपाल व भूटान के विद्वान भी शिरकत कर रहे हैं। जिनमें कपिल कपूर, मोना वर्मा, अर्पणा शर्मा, अंघा जोगलेकर, दिलदार देहलवी, शैलेष तिवारी, डा. विष्णु दत्त राकेश, रूबी गुप्ता श्वेता दिप्ती व एसके शर्मा समेत अनेक विद्वान शमिल होंगे। प्रेसवार्ता के दौरान डा. वीके सिंह, एलपी पुरोहित, संजय हांडा आदि मौजूद रहे।

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